देखो माँ बेटा तुम्हारा आज सपनो में खड़ा है
साथ तुम हो मेरे हमेशा होसला इसका बड़ा है
दूर तुमसे में कहा तुम हो सदा मुझमे कही
रास्ता मुझको यहाँ बस तुम ही तो दिखाती रही
तेरे सिखाये शब्द ही में जोड़ कर कहता गया
कुछ गीत बन कर छप गए, में साथ में बहता गया
रंजो खबर क्या दौर की, क्या वक़्त के है मायने
शागिर्द तेरे हुक्म के, इनका न कद तुम्हारे सामने
कृते अंकेश
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