यु तो बहुत आएँगी रातें
बहुत आयेंगे सपने
पर शायद उनसे से कुछ ही
बन पाएंगे अपने
यही सोच कर अभी में दिन दिन
रात रात भर सोता
शायद मिल जाये वो सपना
जो सच है हो सकता
फिर दुनिया मुट्ठी में होगी
सुन लो मेरी बात
बदल जाएगी तक़दीर भी मेरी
उस सपने के साथ
कृते अंकेश
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