जानता हूँ तुम्हे जाना होगा
स्वप्न है तुम्हारे जिन्हें तुम्हे पाना होगा
नहीं रोकूंगा तुम्हे करके इंतज़ार
या कुछ ऐसा जो ला सके ठहराव
मद्धिम पंक्तिया सर झुकाए देंगी विदाई
और तुम चली जाओगी जैसे एक दिन थी आई
कृते अंकेश
स्वप्न है तुम्हारे जिन्हें तुम्हे पाना होगा
नहीं रोकूंगा तुम्हे करके इंतज़ार
या कुछ ऐसा जो ला सके ठहराव
मद्धिम पंक्तिया सर झुकाए देंगी विदाई
और तुम चली जाओगी जैसे एक दिन थी आई
कृते अंकेश
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