नफरत
रिश्तो की मीनार ढहा दे
चाहे तो यह पल भर में
लाशो के अम्बार लगा दे
चाहे तो यह पल भर में
रच जाये इतिहास निराला
चाहे तो यह पल भर में
और पिला दे विष का प्याला
चाहे तो यह पल भर में
भावो को भी शून्य बना दे
चाहे तो यह पल भर में
मुस्कानों का रंग उड़ा दे
चाहे तो यह पल भर में
मैं और तू क्या चीज़ है साकी
यह दुनिया एक प्याला है
नफरत से इसको भर दे तो
प्रलय मचा दे पल भर में
कृते अंकेश
रिश्तो की मीनार ढहा दे
चाहे तो यह पल भर में
लाशो के अम्बार लगा दे
चाहे तो यह पल भर में
रच जाये इतिहास निराला
चाहे तो यह पल भर में
और पिला दे विष का प्याला
चाहे तो यह पल भर में
भावो को भी शून्य बना दे
चाहे तो यह पल भर में
मुस्कानों का रंग उड़ा दे
चाहे तो यह पल भर में
मैं और तू क्या चीज़ है साकी
यह दुनिया एक प्याला है
नफरत से इसको भर दे तो
प्रलय मचा दे पल भर में
कृते अंकेश
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