ओ नटखट गिलहरी
तुमको जितना बादाम खाना है उतना खाओ
चाहो तो सारे के सारे मुह में भर के ले जाओ
पर संभल के
तुम जब उस तार पर चढ़ती हो
तो तार के साथ साथ खुद भी झूलती हो
कही गिर न जाना
और फिर ऐसा न हो की
चोट लगने पर महीने भर मिलने ही न आना
सच में तुम कितना सुन्दर लगती हो
जब सारे बादाम मुह में भर लेती हो
अपने नन्हे पैरो पर खड़े होकर
हाथो में पकडे हुए बादामो को खाते हुए तुम्हारा चेहरा
सचमुच कितना मासूम लगता है
मुझे तो डर है कि कही तुम मोटी न हो जाओ
और फिर इतनी ऊपर तक चढ़कर मेरी खिड़की में आ ही नहीं पाओ
चलो कोई नहीं
तुम आवाज़ लगा दिया करना
मैं ही तुमसे मिलने आ जाऊँगा
लेकिन कोई शरारत न करना
ओ नटखट गिलहरी
कृते अंकेश
तुमको जितना बादाम खाना है उतना खाओ
चाहो तो सारे के सारे मुह में भर के ले जाओ
पर संभल के
तुम जब उस तार पर चढ़ती हो
तो तार के साथ साथ खुद भी झूलती हो
कही गिर न जाना
और फिर ऐसा न हो की
चोट लगने पर महीने भर मिलने ही न आना
सच में तुम कितना सुन्दर लगती हो
जब सारे बादाम मुह में भर लेती हो
अपने नन्हे पैरो पर खड़े होकर
हाथो में पकडे हुए बादामो को खाते हुए तुम्हारा चेहरा
सचमुच कितना मासूम लगता है
मुझे तो डर है कि कही तुम मोटी न हो जाओ
और फिर इतनी ऊपर तक चढ़कर मेरी खिड़की में आ ही नहीं पाओ
चलो कोई नहीं
तुम आवाज़ लगा दिया करना
मैं ही तुमसे मिलने आ जाऊँगा
लेकिन कोई शरारत न करना
ओ नटखट गिलहरी
कृते अंकेश
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