उड़ जा पंछी
तुझे फिकर क्या
किसका सपना
तुझे रोकता
तेरी मंजिल
तेरा रस्ता
खुला आसमा
रोक टोक क्या
तेरे पंखो में सजते है
इस दुनिया के सपने प्यारे
जा पंछी तू अपनी धुन में
अपने रंगों को अपना ले
यहाँ वक़्त की बड़ी कमी है
रिश्तो के संग्राम यहाँ है
उलझन में रहते है सपने
पगले अपना काम कहा है
जिन्हें अभी तक लगता है कि
नशा नहीं उनका तुझको है
बुनने दे उनको कुछ चेहरे
चेहरों की अब किसे फिकर है
खोकर इन सपनो को अब
चेहरों की मुस्कान बना दे
बहुत मिलेंगे मौके तुझको
आज यहाँ तू रंग सजा दे ..............
कृते अंकेश
तुझे फिकर क्या
किसका सपना
तुझे रोकता
तेरी मंजिल
तेरा रस्ता
खुला आसमा
रोक टोक क्या
तेरे पंखो में सजते है
इस दुनिया के सपने प्यारे
जा पंछी तू अपनी धुन में
अपने रंगों को अपना ले
यहाँ वक़्त की बड़ी कमी है
रिश्तो के संग्राम यहाँ है
उलझन में रहते है सपने
पगले अपना काम कहा है
जिन्हें अभी तक लगता है कि
नशा नहीं उनका तुझको है
बुनने दे उनको कुछ चेहरे
चेहरों की अब किसे फिकर है
खोकर इन सपनो को अब
चेहरों की मुस्कान बना दे
बहुत मिलेंगे मौके तुझको
आज यहाँ तू रंग सजा दे ..............
कृते अंकेश
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