कच्चे से धागे है
शाखो से जुड़ते है
लिखते है अपनी कहानी
कैसे शुरू होती
कोई न जाने
यारी हो कितनी पुरानी
लड़ते झगड़ते है
मिलते बिछुड़ते है
बनती सवरती निशानी
बचपन ही सजता
संग यारो में हसता
चाहे हो बीती जवानी
कृते अंकेश
शाखो से जुड़ते है
लिखते है अपनी कहानी
कैसे शुरू होती
कोई न जाने
यारी हो कितनी पुरानी
लड़ते झगड़ते है
मिलते बिछुड़ते है
बनती सवरती निशानी
बचपन ही सजता
संग यारो में हसता
चाहे हो बीती जवानी
कृते अंकेश
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