प्रियवर मेरा श्रृंगार कहाँ है
जीने का अधिकार कहाँ है
नाच रही बस काया मेरी
बोलो इसका सत्कार कहाँ है
मेरा खोया प्यार कहाँ है
खुशियो का संसार कहाँ है
ढूंढ रही है अँखियाँ जिसको
वो जीवन का आधार कहाँ है
प्रियवर मेरा श्रृंगार कहाँ है
में बावरी बनकर भटकी
जीवन स्थिरता को खोजा
चंचल मन था रहा भटकता
मिला न कोई जिसने रोका
कह दूँ अंतर्मन की पीड़ा
ऐसे पल का व्यापार कहाँ है
रख दूँ अपने मर्म का हीरा
बोलो ऐसा संसार कहाँ है
प्रियवर मेरा श्रृंगार कहाँ है
कृते अंकेश
जीने का अधिकार कहाँ है
नाच रही बस काया मेरी
बोलो इसका सत्कार कहाँ है
मेरा खोया प्यार कहाँ है
खुशियो का संसार कहाँ है
ढूंढ रही है अँखियाँ जिसको
वो जीवन का आधार कहाँ है
प्रियवर मेरा श्रृंगार कहाँ है
में बावरी बनकर भटकी
जीवन स्थिरता को खोजा
चंचल मन था रहा भटकता
मिला न कोई जिसने रोका
कह दूँ अंतर्मन की पीड़ा
ऐसे पल का व्यापार कहाँ है
रख दूँ अपने मर्म का हीरा
बोलो ऐसा संसार कहाँ है
प्रियवर मेरा श्रृंगार कहाँ है
कृते अंकेश
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