क्रांति की राह में प्राण का है मोल क्या
या प्रश्न ही है यह अनोखा
इस मार्ग में भी तोल क्या
है समर्पण की भावना या चाह हो जो जीत की
जो दे सको यह जान भी बस चाह में स्वप्न संगीत की
भूल कर जो जा सको
बन्धनों की दास्तान
जीत कर यदि ला सको
बन्धनों से दास्तान
जो चल सको पथ पर सदा न लक्ष्य से होकर विरत
सैकड़ो ठोकर तो क्या है कोशिशो में जय निहित
डूबती शामो में ढूँढती सुबह सदा
क्रांति का कारवा बस यु ही सदा चलता रहा
कृते अंकेश
या प्रश्न ही है यह अनोखा
इस मार्ग में भी तोल क्या
है समर्पण की भावना या चाह हो जो जीत की
जो दे सको यह जान भी बस चाह में स्वप्न संगीत की
भूल कर जो जा सको
बन्धनों की दास्तान
जीत कर यदि ला सको
बन्धनों से दास्तान
जो चल सको पथ पर सदा न लक्ष्य से होकर विरत
सैकड़ो ठोकर तो क्या है कोशिशो में जय निहित
डूबती शामो में ढूँढती सुबह सदा
क्रांति का कारवा बस यु ही सदा चलता रहा
कृते अंकेश
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