ग्रीष्म ने भी शीर्ष पर रहने को है तय किया
जीवन लगा पिघलने स्वेद की बूदो तले
वाष्प बन धरा का सारा नीर भी जाता रहा
चल रही पवन भी आज पूरे जोर शोर से
बरसा रही अनल की धार आसमा के छोर से
तपती तपस्या जून की है इन्द्र ने भी सुन रखी
लापता है मेघराज बढती घटा रविन्द्र की
धार जमुना की गई सिकुड़ सर्प रेख सी
चल रही पवन भी आज पूरे जोर शोर से
बरसा रही अनल की धार आसमा के छोर से
तपती तपस्या जून की है इन्द्र ने भी सुन रखी
लापता है मेघराज बढती घटा रविन्द्र की
धार जमुना की गई सिकुड़ सर्प रेख सी
व्याकुल हुई धरा तकती राह मेघ की
आ चला आषाण लेकिन ताप तेवर तीव्र है
जीवन गया सिमट चढ़ा प्रदूषण की भेट है
आ चला आषाण लेकिन ताप तेवर तीव्र है
जीवन गया सिमट चढ़ा प्रदूषण की भेट है
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