में अभी तक सोचता था
हूँ अनाड़ी में यहाँ
आज वह बतला गया
यह बस मेरा नजरिया था
चंद पत्थरो को तराशा
नूर का दर्जा मिला
और कोई खंडहरों में ताउम्र भटकता फिरा
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जिन्दगी की जंग में बस जीतना ही नहीं
सेकड़ो नै हार कर भी नाम है रोशन किया
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