हर बीता हुआ पल कुछ कह देता है
और छूटा हुआ प्रेम भय देता है
सपने अक्सर उलझते है, टूटते है
छूटते है रूठते है
रूठे हुए सपनो को जग सह लेता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है
संगीत के तरानो पर
समय के फसानो पर
दोस्ती के अफसानो पर
मन अपनी उलझनो को कह देता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है
कृते अंकेश
और छूटा हुआ प्रेम भय देता है
सपने अक्सर उलझते है, टूटते है
छूटते है रूठते है
रूठे हुए सपनो को जग सह लेता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है
संगीत के तरानो पर
समय के फसानो पर
दोस्ती के अफसानो पर
मन अपनी उलझनो को कह देता है
लेकिन छूटा हुआ प्रेम भय देता है
कृते अंकेश
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