विषयों का आस्वादन हो
लेकिन न हो जीवन की लय
नहीं चाहिए देव मुझे
खुशियों का ऐसा परिचय
विभा कही हो पथिक कही हो
सुगम मार्ग हो रहा विरल
दे देना इससे बेहतर तो
पथ कोई मुझको दुष्कर
क्षणिक रहे आभास कोई
जीवन के इस संग्राम में जो
उचित ही होगा रहू अपिरिचित
नहीं सरल की चाह मुझे
या कितनी ही व्याधि हो
अथवा मार्ग हो रहा विकल
बस देना मुझको इतनी शक्ति
रहू निर्णयों पर सदा अटल
कृते अंकेश
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