तितलियों की किसे फिक्र है यहाँ
उनकी उड़ानों को तो देखा भी न गया
माली ब्यस्त है ख़ुशबुओ का सौदा करने मैं
तितलियों को तो सोचा ही नहीं गया
पंखो को फडफड़ाती रही यहाँ से वहा
कुछ ने उनके सौन्दर्य को निहारा तो
पर उसके आगे कुछ भी न हुआ ....
तितलिया भी खो ही गयी फिर
बगीचों में कही .....
अंकेश
उनकी उड़ानों को तो देखा भी न गया
माली ब्यस्त है ख़ुशबुओ का सौदा करने मैं
तितलियों को तो सोचा ही नहीं गया
पंखो को फडफड़ाती रही यहाँ से वहा
कुछ ने उनके सौन्दर्य को निहारा तो
पर उसके आगे कुछ भी न हुआ ....
तितलिया भी खो ही गयी फिर
बगीचों में कही .....
अंकेश
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