उन्मुक्त हूँ मैं
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
इन बन्धनों से
नहीं बाँध सकेंगे यह पिंज़रे मुझे
मेरी कल्पनाये
मुझे ले जाएँगी दूर
मेरी मंजिलो तक
आभारी हूँ तुम्हारा
जो तुमने दिया सहारा
पर चलना होगा मुझको फिर से
पाने नया किनारा
उन्मुक्त हूँ मैं
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
प्रयत्न करूंगा
अंतिम साँसों तक प्रयत्न करूंगा
अथवा आने दो उस मृत्यु को
उसको भी आलिंगनबद्ध करूंगा
लेकिन नहीं बंधन में रहने वाला
उन्मुक्त हूँ में
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
श्रंगार, वियोग, हास्य, जुगुप्सा
जीवन मेरा स्पष्ट अश्रु सा
जो लगा अनुचित
उसको पल भर में छोड़ा
शेष रहा जो कुछ भी थोडा
बस उसको जीवन से जोड़ा
लेकिन शायद अपराधी हूँ में
जो यह बंधन तोड़ जाऊँगा
उन्मुक्त हूँ में
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
कृते अंकेश
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
इन बन्धनों से
नहीं बाँध सकेंगे यह पिंज़रे मुझे
मेरी कल्पनाये
मुझे ले जाएँगी दूर
मेरी मंजिलो तक
आभारी हूँ तुम्हारा
जो तुमने दिया सहारा
पर चलना होगा मुझको फिर से
पाने नया किनारा
उन्मुक्त हूँ मैं
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
प्रयत्न करूंगा
अंतिम साँसों तक प्रयत्न करूंगा
अथवा आने दो उस मृत्यु को
उसको भी आलिंगनबद्ध करूंगा
लेकिन नहीं बंधन में रहने वाला
उन्मुक्त हूँ में
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
श्रंगार, वियोग, हास्य, जुगुप्सा
जीवन मेरा स्पष्ट अश्रु सा
जो लगा अनुचित
उसको पल भर में छोड़ा
शेष रहा जो कुछ भी थोडा
बस उसको जीवन से जोड़ा
लेकिन शायद अपराधी हूँ में
जो यह बंधन तोड़ जाऊँगा
उन्मुक्त हूँ में
देखना उड़ जाऊँगा एक दिन
कृते अंकेश
2 comments:
Thanks Amit :-)
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