हाँ में एक चित्रकार हूँ
रंगों से खेलता हूँ
कभी कभी कैद कर लेता हूँ अपनी भावनाओ को इन रंगों में
सोचता हूँ की शायद कभी सजाने के बहाने ही ले जाओगे तुम इन चित्रों को
और सुनोगे गीत मेरे अन्तर्मन के इन चित्रों में
जब पाओगे खुद को अकेला
हाँ
सच ही तो है
बस सपना ही तो देखता हूँ मैं
क्योंकि जानता हूँ में कि
मेरे चित्रों में जीवन ही कहा है
हाँ पता है मुझे
मेरे चित्रों के सागर मैं
कोई भी मछली नहीं तैरती
कृते अंकेश
रंगों से खेलता हूँ
कभी कभी कैद कर लेता हूँ अपनी भावनाओ को इन रंगों में
सोचता हूँ की शायद कभी सजाने के बहाने ही ले जाओगे तुम इन चित्रों को
और सुनोगे गीत मेरे अन्तर्मन के इन चित्रों में
जब पाओगे खुद को अकेला
हाँ
सच ही तो है
बस सपना ही तो देखता हूँ मैं
क्योंकि जानता हूँ में कि
मेरे चित्रों में जीवन ही कहा है
हाँ पता है मुझे
मेरे चित्रों के सागर मैं
कोई भी मछली नहीं तैरती
कृते अंकेश
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