हो रहा हो घना जब अँधेरा कही
देखना रौशनी आएगी फिर कोई
रास्ते भी सदा मिलते सीधे नहीं
राहे मुडती यहाँ मंजिलो से कभी
होसला फिर मगर तुम न खोना कही
मंजिले है कठिन पर मुश्किल नहीं
सीखना ठोकरों से उठना यहाँ
रास्ता यु सदा होता आसान कहा
वक़्त के यह पहर बस गुज़र जायेंगे
तुम चलते रहो पल नए आयंगे
जीत से भी कही फिर मुलाक़ात होगी
देखना उस दिन बस तुम्हारी बात होगी
कृते अंकेश
देखना रौशनी आएगी फिर कोई
रास्ते भी सदा मिलते सीधे नहीं
राहे मुडती यहाँ मंजिलो से कभी
होसला फिर मगर तुम न खोना कही
मंजिले है कठिन पर मुश्किल नहीं
सीखना ठोकरों से उठना यहाँ
रास्ता यु सदा होता आसान कहा
वक़्त के यह पहर बस गुज़र जायेंगे
तुम चलते रहो पल नए आयंगे
जीत से भी कही फिर मुलाक़ात होगी
देखना उस दिन बस तुम्हारी बात होगी
कृते अंकेश
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