महावीर स्वामी
आज उदित था हुआ दिव्य एक
त्रिशला नंदन राजकुमार
मगध प्रांत, वैशाली ग्राम में
वर्धमान था उनका नाम
नन्हे बचपन ने जीवन को
अल्प काल में जान लिया
वीस वर्ष की आयु में असमंजस को पहचान लिया
उठी दिव्य सी आभा मन में
ज्ञान ज्योति को जला दिया
राग द्वेष बंधन को छोड़ा
निज अम्बर को उड़ा दिया
त्याग चले इस मोह पाश को
जन्म मरण सब भ्रम है जान
धीर वीर महावीर नमन है
दिया अहिंसा का जो ज्ञान
कृते अंकेश
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