ankesh_writes
Thursday, February 04, 2010
(१)
देना मुझको दर यही , जीने के पल चार
बाकि किसको खैर है, सम्मुख सत्य यथार्थ!!
(२)
पाया पावन देह पिघल , श्रमिक मणिक अनमोल
अंक सहेजे वसुंधरा, हर्षित तृप्त विभोर !!
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