- सपना
शायद मैं सपनो मैं जीता हूँ
या जीवन मेरा सपना है
चंद हकीकत के लम्हों मे
अब सपना मुझको बुनना है
सपना संघर्षो से हो सजा
सपने का अपना ही हो मज़ा
सपना सच होने वाला हो
यह सपना ही अब शेष बचा
सपनो के इस जाल को बुन
सपनो मे में खो जाऊँगा
सपनो से अपने जीवन को
सपनो सा ही सजाऊँगा
सपनो की इस कश्ती को
सपनो मे ही छोड़ चला
जीवन का सच अपनाने को
में जीवन के उस छोर चला
1 comment:
this one is also cool...especially last para :)
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